PISTON :- यह इंजन का एक महत्वपूर्ण भाग है,जो फ्यूल के केमिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में परिवर्तित करता है। यह देखने में सरल और छोटा होता है,लेकिन इसकी डिज़ाइन जटिल होती है।
इंजन की effenciency पिस्टन के कार्य पर ही निर्भर करती है। पिस्टन और सिलिंडर के बीच घर्षण कम होना चाहिए।
कार्यविधि:- यह सिलिंडर के ऊपर नीचे चलता है,जिससे suction, compression, power तथा exhaust स्ट्रोक बनते है।
* यह सिलिंडर के अंदर गैस टाइट प्लग की तरह कार्य करता है,जिससे हाई प्रेशर चैम्बर के crankcase में लीक नही करती।
* फ्यूल के combustion से जो प्रेशर बनता है। उसे यह ग्रहण करता है,और क्रैन्कशाफ्ट तक पहुंचाता है।
COMPOSITION OF PISTON:-
* Alluminium:- 97%
* Tin :- 02%
* Copper:- 07%
Material:- यह अधिकतर एल्युमीनियम एलॉय के बनाये जाते है, ये या तो कास्टिंग के द्वारा,या फोर्जिंग के द्वारा बनाये जाते है।
कास्ट आयरन के भी पिस्टन बनाये जाते है। कुछ वर्ष पहले कास्ट आयरन के ही बनाये जाते थे,क्यों कि कास्ट आयरन पिस्टन बनाने के लिए बहुत अधिक उपयोगी मटेरियल साबित हुआ है। इसका coeffiecient expansion कम और घिसाव प्रतिरोध अधिक होता है,दिक्कत ये थी इसका भार अधिक होता है,इसिलए एल्युमीनियम एलाय का प्रयोग पिस्टन बनाने में होने लगा है।
अलुमिनियम के पिस्टन अधिक मोटे होते है।ताकि मजबूत रहे,फिर भी cast iron के मुकाबले में हल्के होते है,इसमे अधिक clearence रखना पड़ता है। ताकि पिस्टन जाम न हो।
एल्युमीनियम की Heat conductivity होती है,वो कास्ट आयरन के मुकाबले 3 गुने अधिक होती है। यह 200-300℃ पर चलता है।
QUALITY OF PISTON:-
★ उच्च दबाब तथा तापक्रम पर कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए।
★मजबूती के साथ साथ इसकी भार कम होनी चाहिए।
★चलते समय अधिक आवाज नही आनी चाहिए।
★ अधिक तापमान के कारण इसकी expension कम होनी चाहिए।
★ इसका डिज़ाइन ऐसा होना चाहिए कि,चलते समय जाम न हो।
★ यह जंगरोधी होनी चाहिए।
PARTS OF PISTON:-
पिस्टन के विभिन्न भाग होते है,जिनका नाम कुछ इस प्रकार है।
★ Head
★Lands
★Ring grooves
★Piston pin boss
★Skirt
Pistion three dimensions are:-
★Hemispherical
★Crown
★Dished crown with valve Recesses
Piston Extension Control:-
जब इंजन चलता है,तो पिस्टन सिलिंडर से अधिक गर्मK रहता है,क्योंकि सिलिंडर कूलिंग वाटर से ठंढा होता रहता है,इसिलए सिलिंडर की अपेक्षा पिस्टन का expension अधिक होता है,और पिस्टन clearence कम हो जाता है। एल्युमीनियम के पिस्टन के साथ ये problem और भी अधिक आती है।
पिस्टन के expension को कंट्रोल करने के बहुत से तरीके होते है।
1) Piston Slot:- पिस्टन स्कर्ट के स्लॉट काट दिए जाते है,Horizontol स्लॉट heat को नीचे skirt में आने से रोकता है, ताकि स्कर्ट अधिक गर्म न हो।
2) Heat Dam:- पिस्टन की टॉप लैंड की Dia पर एक ग्रूव (Groove) काट दिया जाता है,जिसे Heat Dam कहते है।यह piston head की heat को skirt तक पहुंचने का रास्ता काम करता है।जिससे स्कर्ट कम गर्म होता है।
3) Cam Grinding of the piston:- Cam grinding द्वारा पिस्टन को इस तरह फिनिश करते है,की उसकी परिधि कुछ Eliptical रहती है। जब चलते समय पिस्टन गर्म होता है,तो heat piston boss की तरफ अधिक जाती है,और पिस्टन फैलकर पूरी तरह गोल हो जाता है।
4) Strut:- पिस्टन के expension को strut के प्रयोग में भी कम कर सकते है। casting करते समय ये strut piston में बना दिये जाते है,जिसके कारण पिस्टन का एक्सपेंशन बौस की तरफ ही अधिक होता है।
TYPES OF PISTON:-
◆ High Performance piston
◆ Low-Ex alloys Piston
◆Invar Strut Piston
◆Autothermic Piston
◆ Bimetal piston
◆Specialloid Piston
◆ Wellworthy Piston
इंजन की effenciency पिस्टन के कार्य पर ही निर्भर करती है। पिस्टन और सिलिंडर के बीच घर्षण कम होना चाहिए।
कार्यविधि:- यह सिलिंडर के ऊपर नीचे चलता है,जिससे suction, compression, power तथा exhaust स्ट्रोक बनते है।
* यह सिलिंडर के अंदर गैस टाइट प्लग की तरह कार्य करता है,जिससे हाई प्रेशर चैम्बर के crankcase में लीक नही करती।
* फ्यूल के combustion से जो प्रेशर बनता है। उसे यह ग्रहण करता है,और क्रैन्कशाफ्ट तक पहुंचाता है।
COMPOSITION OF PISTON:-
* Alluminium:- 97%
* Tin :- 02%
* Copper:- 07%
Material:- यह अधिकतर एल्युमीनियम एलॉय के बनाये जाते है, ये या तो कास्टिंग के द्वारा,या फोर्जिंग के द्वारा बनाये जाते है।
कास्ट आयरन के भी पिस्टन बनाये जाते है। कुछ वर्ष पहले कास्ट आयरन के ही बनाये जाते थे,क्यों कि कास्ट आयरन पिस्टन बनाने के लिए बहुत अधिक उपयोगी मटेरियल साबित हुआ है। इसका coeffiecient expansion कम और घिसाव प्रतिरोध अधिक होता है,दिक्कत ये थी इसका भार अधिक होता है,इसिलए एल्युमीनियम एलाय का प्रयोग पिस्टन बनाने में होने लगा है।
अलुमिनियम के पिस्टन अधिक मोटे होते है।ताकि मजबूत रहे,फिर भी cast iron के मुकाबले में हल्के होते है,इसमे अधिक clearence रखना पड़ता है। ताकि पिस्टन जाम न हो।
एल्युमीनियम की Heat conductivity होती है,वो कास्ट आयरन के मुकाबले 3 गुने अधिक होती है। यह 200-300℃ पर चलता है।
QUALITY OF PISTON:-
★ उच्च दबाब तथा तापक्रम पर कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए।
★मजबूती के साथ साथ इसकी भार कम होनी चाहिए।
★चलते समय अधिक आवाज नही आनी चाहिए।
★ अधिक तापमान के कारण इसकी expension कम होनी चाहिए।
★ इसका डिज़ाइन ऐसा होना चाहिए कि,चलते समय जाम न हो।
★ यह जंगरोधी होनी चाहिए।
PARTS OF PISTON:-
पिस्टन के विभिन्न भाग होते है,जिनका नाम कुछ इस प्रकार है।
★ Head
★Lands
★Ring grooves
★Piston pin boss
★Skirt
Pistion three dimensions are:-
★Hemispherical
★Crown
★Dished crown with valve Recesses
Piston Extension Control:-
जब इंजन चलता है,तो पिस्टन सिलिंडर से अधिक गर्मK रहता है,क्योंकि सिलिंडर कूलिंग वाटर से ठंढा होता रहता है,इसिलए सिलिंडर की अपेक्षा पिस्टन का expension अधिक होता है,और पिस्टन clearence कम हो जाता है। एल्युमीनियम के पिस्टन के साथ ये problem और भी अधिक आती है।
पिस्टन के expension को कंट्रोल करने के बहुत से तरीके होते है।
1) Piston Slot:- पिस्टन स्कर्ट के स्लॉट काट दिए जाते है,Horizontol स्लॉट heat को नीचे skirt में आने से रोकता है, ताकि स्कर्ट अधिक गर्म न हो।
2) Heat Dam:- पिस्टन की टॉप लैंड की Dia पर एक ग्रूव (Groove) काट दिया जाता है,जिसे Heat Dam कहते है।यह piston head की heat को skirt तक पहुंचने का रास्ता काम करता है।जिससे स्कर्ट कम गर्म होता है।
3) Cam Grinding of the piston:- Cam grinding द्वारा पिस्टन को इस तरह फिनिश करते है,की उसकी परिधि कुछ Eliptical रहती है। जब चलते समय पिस्टन गर्म होता है,तो heat piston boss की तरफ अधिक जाती है,और पिस्टन फैलकर पूरी तरह गोल हो जाता है।
4) Strut:- पिस्टन के expension को strut के प्रयोग में भी कम कर सकते है। casting करते समय ये strut piston में बना दिये जाते है,जिसके कारण पिस्टन का एक्सपेंशन बौस की तरफ ही अधिक होता है।
TYPES OF PISTON:-
◆ High Performance piston
◆ Low-Ex alloys Piston
◆Invar Strut Piston
◆Autothermic Piston
◆ Bimetal piston
◆Specialloid Piston
◆ Wellworthy Piston
Very interesting
ReplyDeleteThanking you
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