दोस्तो आपने Liner के नाम तो सुना ही होगा। आज हम बात करेंगे Liner के बारे में।
Liner:- cylinder के अंदर खोखली नली (Hollow barrel) फिट की जाती है,जिसे cylinder liner कहते है। पिस्टन के चलने से जब लाइनर के अंदर की सतह घिस जाती है तो लाइनर को बदल दिया जाता है। इससे cylinder बेकार नही होता। अब बात करते है इसकी बनाने की प्रक्रिया को लेकर।
Liner जो होता है,ये special एलॉय आयरन के बने होते है जिसमे
Silicon , मैगनीज़, निकिल , तथा क्रोमियम की भी कुछ मात्रा मिली होती है। ये सेन्ट्रीफ्यूगल कास्टिंग द्वारा बनाये जाते है और उनपर ऑइल हार्डनिंग की जाती है ताकि वे सुदृढ़ और घिसाव प्रतिरोधी रहे।
There are two types of Liner:-
1) Dry liner
2) Wet liner
चलिए जानते है सबसे पहले Dry liner के बारे में।
दोस्तो ड्राई का मतलब ही होता है सूखा। Dry लाइनर की बाहरी सतह cylinder block के अंदर की सतह से फिट रहती है। यह लाइनर कूलिंग वाटर के सीधे संपर्क में नही आता।इसीलिए इसे ड्राई लाइनर कहते है।
इसकी मोटाई की बात करे तो यह 1.5 mm से 3 mm तक होती है।
Wet liner:- wet liner की बाहरी सतह कूलिंग वाटर के सीधे संपर्क में रहती है, इसीलिए इसको wet liner कहते है। इसके दोनो सिरे पर flange होते है। इसकी मोटाई 1.5 mm से 6 mm तक होती है। Cooling water के सीधे संपर्क में होने के कारण इसकी बाहरी सतह पर जंग लग जाती है।
Liner:- cylinder के अंदर खोखली नली (Hollow barrel) फिट की जाती है,जिसे cylinder liner कहते है। पिस्टन के चलने से जब लाइनर के अंदर की सतह घिस जाती है तो लाइनर को बदल दिया जाता है। इससे cylinder बेकार नही होता। अब बात करते है इसकी बनाने की प्रक्रिया को लेकर।
Liner जो होता है,ये special एलॉय आयरन के बने होते है जिसमे
Silicon , मैगनीज़, निकिल , तथा क्रोमियम की भी कुछ मात्रा मिली होती है। ये सेन्ट्रीफ्यूगल कास्टिंग द्वारा बनाये जाते है और उनपर ऑइल हार्डनिंग की जाती है ताकि वे सुदृढ़ और घिसाव प्रतिरोधी रहे।
There are two types of Liner:-
1) Dry liner
2) Wet liner
चलिए जानते है सबसे पहले Dry liner के बारे में।
दोस्तो ड्राई का मतलब ही होता है सूखा। Dry लाइनर की बाहरी सतह cylinder block के अंदर की सतह से फिट रहती है। यह लाइनर कूलिंग वाटर के सीधे संपर्क में नही आता।इसीलिए इसे ड्राई लाइनर कहते है।
इसकी मोटाई की बात करे तो यह 1.5 mm से 3 mm तक होती है।
Wet liner:- wet liner की बाहरी सतह कूलिंग वाटर के सीधे संपर्क में रहती है, इसीलिए इसको wet liner कहते है। इसके दोनो सिरे पर flange होते है। इसकी मोटाई 1.5 mm से 6 mm तक होती है। Cooling water के सीधे संपर्क में होने के कारण इसकी बाहरी सतह पर जंग लग जाती है।
Thank you sir for giving me knowledge. Keep sharing.
ReplyDeletewelcome to Automotive Gyan
ReplyDeleteSir please give me ur contact details. I take a lots of knowledge from you.
DeleteVery intresting. Whose student they are Appearing in Automobile Engineering. Thanks for Share.
ReplyDeleteNice info! thanks for sharing
ReplyDeleteDry cylinder liners
Thank you all of You.
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