CLUTCH
Function Of Clutch:-
Clutch वह Device है जिसका प्रयोग Transmission System में Engine को Transmission Engage तथा Disengage करने में होता है। Engine तथा Transmission के बीच मे Clutch होता है। जब क्लच एंगेज होता है। तब इंजन से पावर पिछले पहियो तक Transmission System में होकर प्रवाहित होती है, और जब Clutch Dis Engage होता है। तब engine से पावर पिछले पहियो तक प्रवाहित नही होती। जिससे इंजन चलते हुए भी गाड़ी नही चलती। इंजन स्टार्ट करते समय, Gear बदलते समय, गाड़ी रोकते समय तथा Engine को Idling पर चलाते समय क्लच को Dis Engage किया जाता है। गाड़ी चलाते समय Clutch को Engage रखा जाता है। इसे सावधनी से Operate करने से गाड़ी की गति में झटके नही लगते तथा Transmission System के अन्य भागों पर अनावश्यक Strain नही पड़ता।
PRINCIPLE OF OPERATION:-
Clutch Friction के सिद्धांत पर कार्य करता है जब दो सतह दब कर एक दूसरे के सम्पर्क में आ जाते है तब ये घर्षण के कारण एक हो जाते है। अब यदि एक को घुमाया जाय तो दूसरा भी उसके साथ घूमेगा। दो सतहों में बीच का घर्षण सतह के क्षेत्रफल , दबाब तथा Friction गुणांक के ऊपर निर्भर करता है। अवस्यकतानुसार दो सतह अलग की जा सकती है और सम्पर्क में लायी जा सकती है।
एक सतह DRIVING MEMBER तथा दूसरी DRIVEN MEMBER होती है। Driving Member को घूमता हुआ रखते है। जब Driven Member को इससे मिलाते है तो वह भी घुमने लगता है। जब Driven Member को Driving Member से अलग करते है तो घूमना बन्द कर देता है।
Clutch की Friction Surface इस तरह Design की जाती है कि जब दबाब लगे जाता है तो Driven Member Driving Member पर Slip करता है, दबाब बढ़ाने पर Driven Member की स्पीड Slowly-slowly बढ़ती है। जब दोनो की स्पीड एक सी हो जाती है। तब कोई Slip नही होता। जिससे Clutch पूरी तरह एंगेज रहता है।
Clutch का Driving Member Flywheel होता है जो कि Crankshaft पर कसा रहता है। Driven Member Pressure Plate होती है जो कि Transmission Shaft पर कसी रहती है। Friction Surface, जिसे क्लच प्लेट कहते है।
REQUIRMNET OF A CLUTCH
- Torque Transmission:- Engine की अधिकतम Torque पारेषित करने के लिए Clutch समर्थ होना चाहिए।
- Gradual engagement:- झटके न लगें इस कारन क्लच धीरे-धीरे Engege होंना चाहिए।
- Heat Dissipation:- Clutch में Friction के कारण जो Heat Generate होता है, उसे बाहर निकालने में क्लच समर्थ होना चाहिए।
- Dynamic Balancing;- गति में Clutch संतुलित (Balanced) होना चाहिए।
- Vibration Damping:- Power Press के समय Clutch में जो Vibrate Generate होता है, उन्हें कम करने के Mecanism इसमे होना चाहिए।
- Size:- Clutch छोटे size का होना चाहिए
- Free pedal Play:- Clutch में फ्री पेडल होना चाहिए,ताकि पेडल पर पैर रखते ही, Clutch Disengage न हो।
- Easy In Operation:- Clutch Easly Engage तथा Disengage होना चाहिए
- Lightness:- Clutch का Driving Member हल्का होना चाहिए, ताकि क्लच DisEngage होने के बाद यह अधिक समय तक न घुमता रहे।
Qualities Of a Good Clutch:-
a). Clutch को एंगेज करते समय यह Load ढंग से ले, स्लिप न करे, झटका न दे और आवाज पैदा न करे।
b). इसमे लगी Driven Disk की moment of Inertia कम हो ताकि Gear आसानी से Shift किये जा सके।
c). किसी हद तक Crankshaft की Vibration को भी कम कर सके।
d). Clutch Disengage करने के लिए पेडल पर कम दबाब की आवश्यकता हो।
e). Adjustment आसानी से की जा सके।
f). Overhal करने में भी आसानी हो।
g). इसका Design साधारण हो और घिसने वाले पुर्जे कम कीमती हो।
h). Friction Material अर्थात Clutch Lining की effeciency ज्यादा होनी चाहिए।
i). सारी क्लच असेंबली का वजन कम से कम होना चाहिए।
j). Clutch के पुर्जो की, खासतौर पर Clutch प्लेट की काफी लाइफ हो।
k). Clutch Assembly पूरी तरह से बैलेन्स हो जिससे या high speed पर Vibration पैदा न करे।
MAIN PARTS OF CLUTCH PLATE
1. Driving Member
2. Driven Member
3. Operating Member
CLUTCH PLATE :-
clutch का ड्रिवेन मेंबर clutch प्लेट होती है।जो कि flywheel तथा Pressure plate के बीच मे होती है। यह Clutch shaft की Spline पर चढ़ी रहती है। जन इसे फबते है,तब यह Clutch shaft को घुमाती हैं तथा पावर को पारेषित करती है।
एक Pressure plate पर घर्षण पदार्थ के दो सेट होते है। जो कि Cushion Spring पर चढ़े रहते है। घर्षण पदार्थ के सेट को Facing कहते है। फेसिंग तथा Cushion Spring का एक spring रिटेनर plate तथा Spring base डिस्क से रिवीटों द्वारा जुड़े होते है। इनके बीच मे बने हुए खाँचो में Torsion Spring लगी रहती है। इन स्प्रिंगो का संपर्क हब फ्लेनजो से होता है, जो कि स्प्रिंग रिटेनर plate तथा डिस्क के बीच मे फिट रहते है तथा फेसिंग पर लगे हुए Twisting force को Splined hub पर पहुँचाते है।
CLUTCH PLATE:-
TYPES OF CLUTCH:-
1). Friction Clutch
a). Single Plate Clutch
b). Multiplate Clutch:- ◆ Vet Clutch ◆ Dry
c). Cone Clutch:- ◆ External ◆ Internal
2). Centtifugal Clutch
3). Semi Centrifugal Clutch
4). Conical Spring Clutch / Diafram Clutch
A- Teperd Finger Type, B- Crown Spring
5). Positive Clutch-Dog/ Spline Clutch
6). Hydraulic Clutch
7). Electromagnetic Clutch
8). Vaccum Clutch
9). Over Running Clutch
SINGLE PLATE CLUTCH:-
ज्यादातर मोटर गाड़ियों में Single Plate Clutch का प्रयोग होता है। मूल रूप से इसमे केवल एक Clutch Plate होती है ,जो कि Clutch Shaft की Splines पर चढ़ी रहती है।
Engine की Crankshaft पर फलीव्हील कसा रहता रहता है जो इसके साथ घुमता है। spring तथा बोल्ट द्वारा फलीव्हील से प्रेशर प्लेट कसी रहती है जो कि क्लच प्लेट को चलाते समय Clutch Shaft पर सरकती है। जब Clutch Engage करते है तो फलीव्हील तथा Pressure प्लेट के बीच मे Clutch plate दबती है। Clutch plate की दोनों सतहों पर Friction Lining होती है। Flywheel , Clutch Plate तथा Pressure Plate के बीच मे फ्रिक्शन होने के कारण , Flywheel के साथ Clutch plate घूमती है जिससे Clutch shaft भी घूमती है। Clutch Shaft का Relation Transmission से होता है।
जिससे Engine की Power Crankshaft से Flow होकर क्लच शाफ़्ट से Transmission को मिलती है।
MULTIPLATE CLUTCH:-
CONE CLUTCH:-
CENTRIFUGAL CLUTCH:-
DIAPHRAGM CLUTCH:-
SPLINE CLUTCH / DOG CLUTCH:-
clutch का ड्रिवेन मेंबर clutch प्लेट होती है।जो कि flywheel तथा Pressure plate के बीच मे होती है। यह Clutch shaft की Spline पर चढ़ी रहती है। जन इसे फबते है,तब यह Clutch shaft को घुमाती हैं तथा पावर को पारेषित करती है।
एक Pressure plate पर घर्षण पदार्थ के दो सेट होते है। जो कि Cushion Spring पर चढ़े रहते है। घर्षण पदार्थ के सेट को Facing कहते है। फेसिंग तथा Cushion Spring का एक spring रिटेनर plate तथा Spring base डिस्क से रिवीटों द्वारा जुड़े होते है। इनके बीच मे बने हुए खाँचो में Torsion Spring लगी रहती है। इन स्प्रिंगो का संपर्क हब फ्लेनजो से होता है, जो कि स्प्रिंग रिटेनर plate तथा डिस्क के बीच मे फिट रहते है तथा फेसिंग पर लगे हुए Twisting force को Splined hub पर पहुँचाते है।
CLUTCH PLATE:-
TYPES OF CLUTCH:-
1). Friction Clutch
a). Single Plate Clutch
b). Multiplate Clutch:- ◆ Vet Clutch ◆ Dry
c). Cone Clutch:- ◆ External ◆ Internal
2). Centtifugal Clutch
3). Semi Centrifugal Clutch
4). Conical Spring Clutch / Diafram Clutch
A- Teperd Finger Type, B- Crown Spring
5). Positive Clutch-Dog/ Spline Clutch
6). Hydraulic Clutch
7). Electromagnetic Clutch
8). Vaccum Clutch
9). Over Running Clutch
SINGLE PLATE CLUTCH:-
ज्यादातर मोटर गाड़ियों में Single Plate Clutch का प्रयोग होता है। मूल रूप से इसमे केवल एक Clutch Plate होती है ,जो कि Clutch Shaft की Splines पर चढ़ी रहती है।
Engine की Crankshaft पर फलीव्हील कसा रहता रहता है जो इसके साथ घुमता है। spring तथा बोल्ट द्वारा फलीव्हील से प्रेशर प्लेट कसी रहती है जो कि क्लच प्लेट को चलाते समय Clutch Shaft पर सरकती है। जब Clutch Engage करते है तो फलीव्हील तथा Pressure प्लेट के बीच मे Clutch plate दबती है। Clutch plate की दोनों सतहों पर Friction Lining होती है। Flywheel , Clutch Plate तथा Pressure Plate के बीच मे फ्रिक्शन होने के कारण , Flywheel के साथ Clutch plate घूमती है जिससे Clutch shaft भी घूमती है। Clutch Shaft का Relation Transmission से होता है।
जिससे Engine की Power Crankshaft से Flow होकर क्लच शाफ़्ट से Transmission को मिलती है।
MULTIPLATE CLUTCH:-
CONE CLUTCH:-
CENTRIFUGAL CLUTCH:-
DIAPHRAGM CLUTCH:-
SPLINE CLUTCH / DOG CLUTCH:-